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Tuesday, August 5, 2008

मेरी कहानी .....



मेरी कहानी मेरा किस्सा हो तुम...
तुम्हे कैसे भूल सकता हूँ
कैसे दिल से मिटा सकता हूँ
मेरी साँसों का हिस्सा हो तुम
हम प्यार की डोर से बंधे भी हुए हैं
टूटे भी हुए हैं...
और हाथ से हाथ बंधे भी हुए हैं
छूटे भी हुए हैं...
हम साथ हैं पर हमसफ़र नही
मेरे पास नही दूर ही सही
पर मेरी तो मंजिल हो तुम
मेरी कहानी.. मेरा किस्सा हो तुम...
तुम्हे कैसे भूल सकता हूँ
कैसे दिल से मिटा सकता हूँ
मेरी साँसों का हिस्सा हो तुम
मेरी कहानी .....SocialTwist Tell-a-Friend

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